Monday, June 24, 2019

FAKE NEWS का सत्यानास हो.

किरदार -
गायक मंडली
-    ढपली और मंजीरे के साथ कहानी को बीच-बीच में गाकर बयां करने वाले लोग
गार्डन के बीच का पेड़ –
दूसरा पेड़ –
तीसरा पेड़ –
चौथा पेड़ –
लड़का - राकेश – फेक न्यूज बनाने वाला
लड़की- रमा – फेक न्यूज वेरिफायर
पार्क में खेलते बच्चे –
मां –
चिंटू – स्टूडेंट
पिंटू - स्टूडेंट
भीड़ - 
पुलिस वाले –
गार्डन में बैठे लोग -
कहानी –
नाटक की शुरुआत में खाली स्टेज के नीचे लाइन से गाना गाती मंडली की एंट्री – ढपली और मंजीरा बजाते हुए -
आ जाओ - आ जाओ नाटक देखो बिन पैसे का नाटक देखो। नाटक से कोई सीख मिलेगी, दिल दिमाग की बत्ती जलेगी। आ जाओ - आ जाओ नाटक देखो बिन पैसे का नाटक देखो | न लीडरों का गुणगान है, ना राजा की कहानी ये, हमारी तुम्हारी बात है, जरा कान लगाकर सुनिए अबे! आ जाओ-आ जाओ नाटक देखो बिन पैसे का नाटक देखो।
-    पहला गायक – तो क्या पेश कर रहे हो भाई
-    दूसरा गायक – फेक न्यूज़ जानते हो ?
-    पहला गायक – फेक न्यूज़, वो क्या है
-    दूसरा गायक – अरे वो झूठ दो लोग कभी जानबूझकर  और कभी अन्जाने में फैला देते हैं
-    तीसरा गायक – हैं – मतलब – जरा विस्तार से समझाओ भाई
-    चौथा गायक – हां हां – खुलके बोल यार –
-    दूसरा गायक – अच्छा तो सुनो – कुछ लोग, अपने फायदे लिए या किसी गुट के फायदे के लिए तस्वीरों का गलत इस्तेमाल कर, उनके इर्दगिर्द झूठी कहानी गढ़ देते हैं। फिर सोशल मीडिया सोशल मीडिया समझते हो ना
-    पहला, तीसरा, चौथा – गायक एक साथ –
हां हां – सोशल मीडिया यानि ये फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्वीटर ना
-    दूसरा गायक – हां – एक दम सही – तो सोशल मीडिया पर ये लोग कारोबार चलाते हैं, फेक न्यूज का कारोबार, जिसमें गलत-सलत खबरें लोगों में फैलाई जाती हैं, ये खतरनाक भी हो सकता है।
-    पहला गायक – खतरनाक! वो कैसे
-    दूसरा गायक – देखो.....

SCENE - 1 - बच्चों की एंट्री – मां बच्चों को डपटते हुए – बच्चों को पकड़ कर पार्क से ले जा रही है  
मां – चलो घर चलो, तुम्हें कहा था न यहां मत आना
दूसरा गायक – अरे ये चिंटू,पिंटू को मां पार्क से क्यों खदेड़ लाई
दो चार और बच्चे पार्क से बाहर निकलते हुए –
पहला गायक – ये क्या हो रहा है -
चिंटू – मां लेकिन ये गलत है – उन पेड़ों ने कुछ नहीं किया, किसी का नुकसान नहीं किया
पिंटू – हा मां बल्कि वो हमें छाया देते हैं, हवा देते हैं, और फल भी देते हैं
मां – तुम दोनों को पता नहीं है, वो पेड़ जहर उगल रहे हैं
चिंटू पिंटू एक साथ – अरे मां कैसी बात करती हो, ऐसा कुछ नहीं हैं,
मां – जुबान लड़ाते हो , चुप , देखो वाट्सऐप पर आया है। चलो घर चलो – (बच्चों को घसीटते हुए मां घर ले गई)

SCENE – 2 (गार्डन) – (ये लोग स्टेज पर बने रहेंगे) – scene के बाद फ्रीज होंगे
इस बीच – गार्डन में पेड़ों को काटने की मुहिम जोर पकड़ती है। बड़े स्टाइल से राकेश की एंट्री – लोगों को बहकाते हुए
राकेश – सच में देखिए जनाब ये पेड़ जहरीली हवा फेंकता है, बच्चे यहां खेलने आते हैं, वो मर भी सकते हैं। इन्हें काट देना चाहिए।
राकेश लोगों के फोन में देखते हुए
लोग/भीड़ – हां हां देखो भाई – ऐसा ही दिख रहा है – ये पेड़ तो खतरनाक हैं।
– हां हां, इन्हें काट देना चाहिए – काटो काटो काटो –
राकेश – बढ़िया है – मेरा काम हो गया, मैं निकलता हूं
गार्डन के बीच बरगद – अरे ये कैसे लोग हैं, ये राकेश का बच्चा इन्हें 
इन्हें उल्लू बना कर चला गया
दूसरा पेड़ – इन्हें समझ नहीं है क्या ?
तीसरा पेड़ – अरे, लोगों वो जो बोल रहा है, वाट्सऐप हमारी फोटो के साथ फैला रहा है वो झूठ है
चौथा पेड़ – मुझे तो लगता है – टेक्नोलॉजी इन सबका दिमाग खा गई है
गार्डन क बीच बरगद  – मजाक का वक्त नहीं है , किसी ने इन्हें नहीं रोका तो ये हमें काट डालेंगे।


SCENE – 3 - चिंटू-पिंटू एक साथ रमा दीदी के पास 
चिंटू – चल !
पिंटू – कहां ?
चिंटूरमा दीदी के पास
रमा की एंट्री – अपने कंप्यूटर पर काम करती हुई
चिंटू पिंटू एक साथ – दीदी दीदी – क्या हमारी एक समस्या का सुलझा सकती हो, आप तो सच्ची झूठी पोस्ट में फर्क बता सकती हो।
रमा – क्या हुआ – कहीं तुम वो जहरीले पेड़ की अफवाह सुन कर तो नहीं आए, देखे मैंने वो फोटो और वीडियो, सब बकवास है।
चिंटू – लेकिन दीदी – लोग तो उन पेड़ों को काटने गार्डन पहुंच गए हैं
पिंटू – हां और मां और बाकी लोग इसे सच समझ रहे हैं
रमा – देवा देवा – चलो मेरे साथ...(फुर्ती से चलते हुए, लेकिन फिर अचानक रुक कर वापस कंप्यूटर पर लोटी) एक मिनट, ये पेपर तो ले लूं मैंने – इसका सच निकाला है – ये किसी की बदमाशी है। चलो ....

SCENE – 4 - चिंटू पिंटू और रमा गार्डन पहुंचते हैं – गार्डन में लोग फावड़े लेकर पेड़ों को काटना शुरु कर चुके हैं। सभी पेड़ चीख रहे हैं।
रमा – रुक जाओ, ये क्या कर रहे हैं आप लोग
भीड़ में से एक आदमी – ये पेड़ जहरीले हैं, इन्हें काट रहे हैं
रमा – किसने कहा ये पेड़ जहरीले हैं?
भीड़ में से एक आदमी – सोशल मीडिया पर हर जगह चल रहा है – वीडियो भी देखा मैंने।
रमा – अरे भाई, आप लोगों को बहकाया गया है – पेड़ रात में कार्बनडाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं – लेकिन ये पेड़ों का सांस लेने का अपना कुदरती तरीका है, ये जहरीली नहीं है, इससे इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
भीड़ – लेकिन – वो लड़का तो कह रहा था होता है, उसने फोटो भी दिखाई 
रमा – ये फोटो ?
भीड़ – हां
रमा – ये झूठी है –  देखों ! उसने दो-तीन फोटो को मिलाकर किस तरह एक फोटो बनाई और उसके नीचे गलत जानकारी लिखकर आप लोगों को बहका दिया - ये रहीं असली फोटो।
भीड़ – हैरान सी – अपना सर पकड़ते हुए
चिंटू पिंटु (रमा के साथ खड़े, हाथ जोड़कर विनती करते) – प्लीज इन पेड़ों को मत काटिए -
भीड़ में से एक आदमी – नहीं काटेंगे बेटा, वी आर सॉरी  
(पेड़ दर्द के सिसकते हुए )
गार्डन के बीच का पेड़ – आज तो बाल बाल बच गए – ये बच्चे सही वक्त पर आ गए।
दूसरा पेड़ – सत्यानाश हो इस फेक न्यूज का, इसने तो हमारी जान ही ले ली थी
तीसरा पेड़ – अरे हम तो पेड़ हैं यार – ये फेक न्यूज देश में रोज कई लोगों की जान ले रही है
चौथा पेड़ – और कई लोगों का दिमाग खराब कर रही है।
भीड़ में से एक आदमी – लेकिन वो लड़का कहां है, जिसने हमें उल्लू बनाया?
रमा – क्या आप में से कोई उसे जानता है?
भीड़ – जानते नहीं, लेकिन शक्ल देखी है और वो यहीं कहीं रहता है
चिंटू पिंटु – फिर तो हमें पुलिस को रिपोर्ट करनी चाहिए , क्यों दीदी
रमा – बिल्कुल, वो लोगों की जान और शहर की शांति के लिए खतरनाक हो सकता है

SCENE – 5
राकेश मस्त पांव मेज़ पर रख कर – मन ही मन खुश होते हुए – कि वो कैसे लोगों को उल्लू ना सका।  
उसी वक्त उसके दरवाजे पर जोर-जोर की खट खट –
राकेश – Who is it?
खट खट – दौहराई गई –
राकेख – अरे कौन है भाई, रुको आता हूं....
दरवाजे पर पुलिस राकेश का इंतजार करती – राकेश के आते ही थानेदार ने उसके हाथ बांधे, और थाने ले गया ।


गायक मंडली की वापसी
-    अब फैलाओगे तो जेल की हवा खाओगे
-    पेड़ों को काटोगे सांस न ले पाओगे
-    आज की है सीख यही – झूठ से नाता तोड़ो, प्रकृति से नाता जोड़ो। 









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